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इन लव विथ बिलियनेयर( कॉन्ट्रैक्ट मैरिज ) (भाग-37)








पिछले भाग में आपने पढ़ा था कि...ऋषभ जब अवनी को बिंदी लगा रहा होता है तो तभी देव और विहान की चिल्लाने की आवाज आती है ...
अब आगे ,
अवनी - ( हड़बड़ा कर ) इन्हे क्या हुआ ??
ऋषभ - नहीं पता...

( दोनो फिर भागते हुए उनके कमरे की तरफ जाते है .....नीचे से सब लोग रसोई घर से निकल कर कमरे में पहुंच जाते है....और जैसे ही  वहां का नजारा देखते हैं सब लोग  हंसने लगते है .....उन्हे हंसता देख विहान कहता हैं)

विहान -( गुस्से में ) आप ....आप लोगो को हंसी आ रही 🙄... आय ...हटाओ इसे....
अवनी - ओह हो देवर जी ... इससे क्या डरना ..कितना क्यूट है ये ...😍

( दरअसल देव और विहान सो रहे होते है तो उनके ऊपर बकरी के बच्चे चढ़ कर बैठे होते है ....इसलिए जब वो आंखे खोलते है तो उन्हे देखकर चिल्ला देते है)

मुखिया की पत्नी - अरे ये मेमने ऊपर कैसे आ गए ...

( वो दीपक को आवाज देती हैं पर कोई नही आता है तभी विहान कहता है )

विहान -( अवनी से ) आपका बेबी है ना ये🙄प्लीज भाभी इसे हटाइए ..मुझे डर लग रहा...
रिया - हां ये आपको खा जायेगा उफ्फ 

( फिर रिया .... विहान के ऊपर से बकरी के बच्चे को उठा लेती है और रूम से निकलकर मेमने के साथ खेलने लगती है ......विहान अपनी जगह पर उठकर बैठ जाता है और देव अभी भी आंखे बन्द किए कहता हैं)

देव -( ऋषभ से ) जी ... जीजू इसे हटाओ ना मेरे ऊपर से 😐
( ऋषभ  पीछे खिसक जाता है ... उसे पीछे हटते अवनी देखती है तो  मुस्कुराते हुए देव के ऊपर से मेमने को लेकर  उछाल कर खेलने लगती हैं.....उसे ऐसा करते देख ऋषभ कहता है)
ऋषभ - ये क्या कर रही है आप ...मेमने को नीचे रख दीजिए ...
अवनी -( मुस्कुराते  हुए 😍) ये कितना क्यूट है ऋषभ जी .....ये लिजिए आप भी एक बार पकड़ कर देखिए ...
ऋषभ -( दूर हटते हुए ) नहीं ...नही ..

( अवनी मेमने को लेकर ...ऋषभ की तरफ जाने लगती है तो वो कॉरिडोर में भागने लगता हैं....अवनी हंसते हुए ...उसके पीछे दौड़ने लगती हैं.....नैंसी ,आदि और मुखिया जी की पत्नी फिर से रसोई घर में चले जाते  है .....संजना अभी भी ऐसे सो रही होती है जैसे 100 घोड़ों की खरीदारी करके उसे अच्छे मुनाफे पर बेच कर सुकून की नींद ले रही हो.....देव अपने बेड से उठकर धीरे धीरे चलकर ...संजना के रूम में जाता है और उसके पैरो को हिलाकर कहता है )

देव - ओए 100 घोड़ों की मालकिन ...मुझे एक ग्लास पानी देना...

( संजना नींद में होती है तो इधर - उधर हिलने लगती है .....देव फिर से उसे हिलाता है तो गुस्से में उठ कर कहती है )

संजना - क्या है तुम्हे ...यहां क्या कर रहे हो ??😡
देव - पानी चाहिए मुझे ....
संजना - तुम्हारी बीवी हु क्या जो मूझसे पानी मांग रहे (मुंह फुलाए हुए )
देव - अरे...
( तभी संजना अपना सर पकड़ कर बैठ जाती है ...उसे देखकर देव कहता है )
देव - सॉरी यार ....तुम ठीक तो हो ??
संजना -( सर पकड़ कर ) मेरे हेड में पेन हो रहा बहुत ...
देव - तुम रेस्ट करो ... मैं ऋषभ जीजू को बुलाकर लाता  हूं...
संजना - नहीं...भाई को परेशान मत करो ....( जड़ी बूटी के पेस्ट  की तरफ इशारा करके) इसे दे दो ....

( देव ...धीरे धीरे टेबल के पास पहुंचता है और वहां  से पेस्ट की कटोरी लेकर संजना के हाथ में रख देता है .....संजना मुस्कुराते हुए कहती है )
संजना - थैंक्यू ...
देव -( शॉक्ली ) तुमने सच मे थैंक्स कहा ?? ओ माय गॉड आई कांट बिलीव इट....
संजना - ( घूरते हुए ) नाटक बंद करो ...ये पेस्ट मेरे माथे पर लगा दो ...
देव - ( हैरानी से ) मैं ..
संजना - तो क्या मै तुम्हारी बीवी को बुलाऊं 😏...
देव - तुम सच मे अकडू हो यार ...खैर थोड़ा खिसको .....

( संजना थोड़ी खिसक जाती है ..और देव बेड पर बैठकर उसके माथे पर पेस्ट लगाना शुरू करता है तो उसका हाथ ऐसे हिलता है जैसे उसने कोई गलती की हो ....उसे ऐसे करते देख संजना कहती है ,)

संजना - देव जी .....ये आपके कोमल कोमल हाथों में करंट लगा है क्या ??
देव - क्या ....देव जी .. हाहा ...पर करंट नही लगा है ...
संजना - तो फिर ऐसे हिलना बंद करो यार ...तुम जितना लगा नहीं रहे उतना फैला रहा 😣....

( इससे पहले देव कुछ कहता है ....संजना उसका हाथ पकड लेती हैं और   इशारा करती है की  लगाओ .....देव शर्माते हुए उसके माथे पर लगाना शुरू कर देता है और संजना उसे अजीब तरीके से मुंह बनाकर देख रही होती है ...तभी दरवाजे पर कोई नॉक करता है तो दोनो हड़बड़ा जाते है और देव बेड से नीचे उतर जाता है .....दोनो देखते की दरवाजे पर खुशी खड़ी है वो भी हांफते हुए ...उसके पूरे माथे पर पसीना  है जिसकी वजह से उसका सिंदूर भी थोड़ा बह कर फैल गया होता है ....उसे ऐसी हालत में देखकर देव कहता हैं,

देव - ( हैरानी से )दी ...दी आप ठीक तो है ये आपके माथे पर क्या हुआ है ?
खुशी - ( अपने माथे को छूकर ) कुछ नही हुआ है....अभी आप सब लोग जल्दी निकलिए ....और आनंद जी कहा है ??
संजना - भाभी क्या हुआ है .....आप इतनी परेशान क्यों है ??
खुशी - ननद जी ....अभी आप जल्दी से सभी लोगो को एक कमरे में एकजुट कीजिए .....हां किसी को भनक भी नही  लगनी चाहिए......मैं आनंद जी को खोज कर आती हु ...

( इतना कहकर खुशी ...बाहर निकल जाती है ..उसकी ऐसी हालत देखकर वो दोनो थोड़े परेशान हो जाते पर जो खुशी ने कहा होता है ... उसके लिए वो रूम से बाहर निकलकर सबको बुलाने लगते है .....देव कोशिश करता है की किसी को कुछ अजीब ना लगे इसलिए ...दवाई लगाने और विहान की मदद करने के बहाने से नैंसी  और आदि को रूम में बुला लेता है ....ऋषभ ,रिया और अवनी भी रूम में आ जाते है ...सिवाय खुशी ,आनंद और नील के .....सब लोग रूम में इकठ्ठा होकर ..एक दूसरे को हैरानी से देख रहे होते है कि खुशी ..दो लोगो के साथ अंदर आती है .…उन्हे देखकर नैंसी कहती हैं,

नैंसी - अरे ...ये भूत कौन है आपके साथ ??
खुशी - एक तुम्हारे जीजू और एक तुम्हारे .....
( नैंसी बीच में ही ) 
नैंसी - ये नील है ....समझ गई...
अवनी - आप दोनो की ऐसी हालत कैसे ....ये पूरे फेस और हाथो को काला क्यों कर रखा है ....
रिया -( खुशी से ) बहन तुम गांव घूमने गई थी या कबड्डी खेलने ...
खुशी - यार ....सब बाद में सवाल करना पहले मेरी बात सुनो...
आदि - हां कहिए क्या हुआ ??
खुशी - जल्दी चलो यहां से ..... मैं यहां 1 मिनट भी नही रुक सकती ..
विहान - अरे ... अरे ऐसे कैसे चला जाऊंगा मैं ....🙄
आनंद - आपको तो मै ट्रॉली में पैक करके ले जाऊंगा ...( ऋषभ से ) भाई यहां कुछ भी ठीक नही है .....
ऋषभ - सीधे सीधे बताओगे क्या हुआ है ??
खुशी - जीजू ....यहां मुझे और अवनी को किडनैप करने की प्लानिंग चल रही...आप लोगो के खाने में बेहोशी की दवा मिलाने के बाद ......
( सब एक साथ बोलते है - वॉट )
आनंद - हां भाई लोग .....
( सब एक साथ अवनी को घेरकर खड़े हो जाते है ....तो वो कहती है )
अवनी - मुझे भरोसा नही......वो लोग ऐसा नही कर सकते ...
खुशी - हां तुम्हे किडनैपिंग के बाद भरोसा हो जाएगा .....
ऋषभ - खुशी ...पर मुखिया जी  तो अच्छे इंसान लग रहे ....
अवनी - अच्छे तो आप भी लगते है पर ....
( ऋषभ ..तिरछी नजरों से उसे देखने लगता है तो वो चुप हो जाती है )
खुशी - मुखिया जी का नही पता पर...उनके बेटे दीपक को ...मैंने सुना ये बात करते हुए .....मै तो गांव में घूम रही थी अचानक से दीपक के मुंह से  अवनी का नाम सुनी तो वही खड़ी होकर सारी बात सुनने लगी ..और फिर देव को बताई .....
आनंद - मै अभी उस दीपक को बताता हु ...हो ना हो ये 😣उन लोगो से जुड़ा है जो भाभी पर अटैक करते है हर बार ...
( आनंद गुस्से में बाहर जाने ही वाला होता है की देव उसका हाथ पकड़ कर कहता है )
देव - जीजू आपकी तबियत और ऊपर वाला माला ठीक है ना ??
आनंद - ( घूरते हुए ) ये क्या बोल रहे हो तुम...
खुशी - सही तो कह रहे देव भाई ...आप बाहर जाकर क्या कहेंगे ...और आपको क्या लगता है लोग आपकी बात मानेंगे ....
नील - उल्टा आपकी धुलाई होगी ......

( आनंद मुस्कुराते हुए सबको देखने लगता है तभी आदि  कहता  है )

आदि   - तो क्या प्लान है ...?
देव - हम लोगो को ऐसे निकलना है इस जगह से जैसे कुछ हमे पता ही नही है .....मतलब समझ जाओ ..
विहान - अच्छा ...और ये लोग तुम्हे जाने देंगे ....
आनंद -  हां एक बात बताना भूल गया ....वो हमारी बस ठीक हो गई ......मै और नील यही काम करने गए थे..
विहान - अरे वाह मै अपनी ट्विंकी से जल्दी मिल पाऊंगा ....
आनंद - भूल जा ...
विहान -( घूरते हुए ) चुप चाप हो जाओ तुम....
देव - सत्य तो कह रहे....जीजू ..
विहान - सब मेरे दुश्मन बन गए हों...धोखेबाज लोग ...😞....
देव - मिल गया  आइडिया ....लेट्स गो बच्चा लोग ...

( सब उससे पूछते है पर वो कुछ नही कहता है ...और सभी लोगो को लेकर नीचे आंगन में पहुंच जाता है .....सभी लोगो को एक साथ आया देखकर मुखिया जी थोड़े अचंभित हो जाते है और कहते हैं)

मुखिया जी - अरे क्या हुआ शहरी बाबू लोग .......सब ठीक है ना???
देव - ( मुंह लटकाए हुए ) अब कहा कुछ ठीक रहेगा .......( विहान के कंधे पर अपना सर रखकर ) इनकी तो दुनिया ही  उजड़ गई ....

( विहान रोनी सूरत बना लेता है और कहता है )

विहान - क्या...क्या हुआ है मेरी ट्विंकी ठीक है ना??
मुखिया जी - ई ट्विंकी जी .....कौन है बबुआ ??
देव - वही जिनसे ...हम मिलने जा रहे थे ....
मुखिया जी - सब ठीक है ना....आप ऐसे काहे बोल रहे जैसे कुछ बड़ी समस्या हो गईं....
देव - (माथे पर हाथ रखकर) अब क्या बताए आपको......जिस लड़की से ये प्यार करते है उसका रिश्ता कही और तय हो गया ...
विहान -( अपने चेस्ट पर हाथ रखकर) ऐसा नही हो सकता ...
( तभी ऋषभ कहता है ) 
ऋषभ - अंकल  को वो लड़का पसंद नही है......इसलिए उन्होने ( रोने के नाटक करते हुए) वो छत से कूद गए ....

( सभी लोग हैरानी से उसे मुड़कर देखने लगते है )

मुखिया जी - अरे 😐ये कैसी बात हो गई .....बहुत बुरा लगा ये सब सुनकर ...अब वो ठीक है ना ??
ऋषभ - उनकी आखिरी इच्छा है ....विहान को देखने की ..
मुखिया जी - तो आप लोग जल्दी जाइए ....वरना जिसकी  आखिरी इच्छा नहीं पूरी होती ...वो आत्मा बनकर भटकती है ......

( जाने की बात जब दीपक सुनता है तो उसके हाथ से पानी का गिलास नीचे गिर जाता है ....सबकी नजर उसपर होती है तो वो हड़बड़ा कर गिलास उठाता है और मुस्कुराते हुए देखने लगता है ......उसे ऐसे करते देख संजना कहती हैं)

संजना - ( धीरे से ) मन तो कह रहा इसे  मारकर अभी  पिलर में डाल दू....
नैंसी - बेटा धीरे बोलो ...वो सुन लेगा....
संजना - ही ही.......

ऋषभ - हम आपकी आज्ञा चाहते थे ......
दीपक - आप लोग खाना खाकर जाइए ना ..☺️...
देव - अगर हमने अभी ये खाना खा लिया तो ......हमे किसी के तेरवी का खाना ....खाना पड़ेगा ....
( तभी खुशी ....रोते हुए बैठ जाती हैं और कहती है)
खुशी - मामा जी आप ऐसा कैसे कर सकते अब मै मामा किसे कहूंगी .....
आनंद - ( ऋषभ से ) ये ट्विंकी के पापा.....मेरी खुशी के मामा जी है ....वाह 
ऋषभ - वो नाटक कर रही....शांत रहो तुम...
खुशी - अब मेरा क्या होगा .....मामा को कोई बचाओ ...
मुखिया जी - बेटा मै गाड़ी का प्रबंध करा देता हु ....
आनंद - हमने बस ठीक कर ली है ....बस आपसे जाने की आज्ञा मांगने आए थे....
मुखिया की पत्नी - बबुआ  आप लोग जा ही रहे है तो ....मैं खाना पैक कर देती हु ,....
दीपक -( खुश होकर) हां मां चलिए ....

( कोई भी खाना पैक करवाने के लिए मना नही करते है ....वरना उन्हे शक हो जाता ......थोड़ी देर बाद मुखिया जी की पत्नी खाना लेकर आती है और साथ में पानी की कुछ बॉटल भी......सभी गर्ल्स  सामान लेकर खड़ी होती है .....खाने की टिफिन लेने के बाद वो सब लोग बाहर आ जाते है .....उन्हे ऐसे जाते देख ...सभी लोग उन्हे देखने लगते है .....फिर वो लोग बस में चढ़कर बैठ जाते हैं और देखते हैं सबसे पीछे खड़ा दीपक किसी से कॉल पर बात कर रहा है और गुस्से में बस को घुर रहा....
ऋषभ ड्राइविंग सीट पर बैठ जाता है......संजना और नैंसी पीछे बैठी होती है ........आदि रिया की गोद में सर रखकर लेटा होता है क्योंकि उसे थोड़ा अजीब लग रहा होता है.........खुशी - आनंद एक साथ ....विहान और देव एक साथ .....नील सबसे अलग होकर बाहर देख रहा होता है .............अवनी बस में घूम रही होती है .....उसे ऐसे घूमते देख खुशी पूछती हैं,)

खुशी - क्या हुआ तुम ठीक तो हो ??
अवनी -( सामने की सीट पर बैठकर...) अगर आज मेरा किडनैप हो जाता तो ....
ऋषभ -( ड्राइविंग करते हुए ही ) ऐसा कुछ हुआ नहीं ना...तो आप अभी शांति से बैठी रहे...
आनंद -( हंसते हुए) मतलब आपको शांति चाहिए ही चाहिए .....उसके बिना एक पल रहा भी नही जा रहा वाह 😜
संजना - भाभी की जगह आपका किडनैप हो जाए तो मजे ही है ....
आनंद - अगर ऐसा हुआ तो तुम्हारा राखी का एक गिफ्ट कम हो जायेगा चटोरी.....
देव -( हंसते हुए ) चटोरी
नील - देव ......चुप हो जाओ वरना मुझे एक मिनट भी नही लगेगा ....बस से तुम्हे फेंकने में .....
नैंसी - ये क्या बात हुई ...😏आप बाहर कैसे फेंक सकते है 
( नील ...नैंसी को थोड़ी देर तक देखता हैं और फिर खिड़की से बाहर देखने लगता है )
आनंद - यार लड़ा मत करो ....सबसे पहले थैंक्स करो खुशी जी को की हम सब सेफ है ...
( सब लोग मुस्कुराते हुए थैंक्स कहते है सिवाय विहान के ....
तो वो कहती है )
खुशी - ऋषभ जीजू को छोड़कर सबको पहाड़ी से धक्का दे दुंगी ....
आनंद -अपनी पतिदेव को भी....
खुशी - जी ....सबसे पहले शुरुवात उन्ही से करूंगी .....मुझे ये फालतू के थैंक्स नहीं पसंद पता एक पल के लिए मुझे लगा कि वो मुझे आपसे दूर कर देते तो मेरा क्या होता ....
आनंद - आ (उसे गले लगाकर ) अब आप ठीक है और हम सबके साथ है ......

( सभी लोग मुस्कुराते हैं .....सिवाय विहान और अवनी के तो वो ऋषभ  कहता है ) 

ऋषभ - क्या हुआ विहान ??
( विहान कोई जवाब नही देता है तो ......ऋषभ फिर कहता है)
ऋषभ - विहान तुम ठीक तो हो??

( इस बार विहान के रोने की आवाज आती है तो सब हैरान हो जाते है...बस गांव से काफी दूर तक पहुंच चुकी होती है ....ऋषभ बस रोक देता हैं और उसके पास बैठ कर कहता हैं

ऋषभ - तुम रो कैसे सकते हो ...( उसका सर ऊपर करके) अरे तुम मेरे स्ट्रॉन्ग ब्रो हो और ऐसे रो रहे....
विहान - ( रोते हुए) मेरी ट्विंकी किसी और की हो रही.... मैं और क्या कर सकता हु .....
अवनी - प्लीज आप रोईए मत देवर जी ....
देव - हे भगवान...विहान भाई क्या कहूं मैं आपको ....
( बीच में ही विहान ) 
विहान - कुछ बचा ही कहा है अब 
देव - पूरी बात सुनो वरना ऐसा घुसा मारूंगा की ….. ट्विंकी दी ...आपको देखते ही डर जाएंगी ....
संजना - बिल्कुल दे दो एक डोज इस शुतुरमुर्ग को ..
विहान -( घूरते हुए,) चमगादड़ .....
देव -भाई वो सब एक नाटक था ....सब लोग ठीक है और हम सब भी ....
विहान -( खुश होकर) क्या .....क्या सच में 😍मेरी ट्विंकी मेरी ही है ...
आनंद -( हंसते हुए ) कौन देगा तुम्हे  अपनी बेटी ...
विहान - क्या मतलब ....मै पूरी तरह से ठीक तो हु ...
..आनंद - ये टूटी -फूटी चीजों को अंकल ऐसे फेंकते है की वो वापस नही मिलती ... हाहह
ऋषभ - आनंद ....
आनंद ,- ही ही सॉरी भाई ....मै तो बस टांग खींच रहा था ..

( ऋषभ फिर से ड्राइविंग करने लगता हैं) 

आदि - ऑलरेडी इसकी टांग पंचर है ....😂
आनंद -( अपनी सीट से उठकर) एक मिनट.....
( वो ऋषभ के पास जाता है और जेब से किले निकालकर कहता है)
आनंद - भाई ये किले  मुझे टायर चेंज करते टाइम मिली थी ...
( ऋषभ ड्राइविंग करते हुए ही उन किलो को देखता है और समझ जाता है की भले ही हमारी बस एक एक्सीडेंट के बाद रुकी पर  किसी ने किले जानबूजकर बिछाई थी ताकि बस वही जाकर पंचर हो जहा वो चाहता था......( आनंद की तरफ देखकर) ये उस दीपक का ही काम है ..

आनंद - हां भाई एंड डोंट वरी मैंने उसके पीछे अपने आदमी लगा दिए है ....इस बार कुछ न कुछ तो पता चल ही जायेगा ...
ऋषभ - कौनसे  आदमी और कब लगाया ..?
आनंद - जब खुशी जी ने बताया था ....( खुशी की तरफ देखकर) मुझे अपनी खुशी पर पूरा भरोसा है कि वो झूठ। नही बोल सकती ..थी .....
ऋषभ - ठीक है खुशी दास अब तुम सीट पर जाओ ... हम कुछ ही देर में पहुंचने वाले है ..
आनंद - भाई ...मैं तो जा रहा पर आप एक बार भाभी को तो देखिए ...वो इस बार ज्यादा डर गई है...

( आनंद उठकर अपनी सीट पर चले जाता हैं....ऋषभ ..ड्राइविंग करते हुए ही अवनी को देखता है की वो थोड़ी सहमी हुई है और अकेले बैठी हुई है .....उसे ऐसी हालत में देखकर ऋषभ आवाज देकर उसे बुलाता है तो वो घूरते हुए उसके पास जाती है और कहती है)

अवनी - ये आप सबके सामने क्या बोल रहे है ??
ऋषभ - ( सामने देखते हुए ) ऋषभ की रानी कहा और क्या ....और आप यहां प्लीज बैठिए ....
( अवनी बिना कुछ ना नुकूर करते हुए वही बगल मे बैठ जाती है तो वो कहता है)
ऋषभ - ( सामने देखते हुए )  आप मायुस मत होइए ....मेरे रहते आपको कोई छू भी नहीं सकता .....

( अवनी उसे देखने लगती है पर ऋषभ की नजर सामने होती है ...वो कुछ देर ऐसे ही देखती  है और ऋषभ के कंधे पर सर रखकर सो जाती है .......ऋषभ उसे देखकर  मुस्कुराता है और बस चलाने लगता है.....पीछे भी सब लोग झपकी ले रहे होते है क्योंकि थक गए होते है सिवाय विहान के ...वो एक्साइटेड होता है इसलिए ऋषभ से कहता है की हम ट्विंकी के घर पहले चलते है तो ऋषभ को इस बार कहना पड़ता है की ,

ऋषभ - इतनी एक्सटमेंट मत दिखाओ ...पहले अपने दिल से पता करो की वो भी तुम्हे पसंद करती है भी या नही ....
विहान - ( मुस्कुराते हुए ) ठीक है भाई ...
( बस का सफर यू ही चलता रहता है ....इतनी देर तक ड्राइविंग करने की वजह से ऋषभ भी पूरा थक गया होता है...और ऊपर से अवनी ने कंधे पर सर रखा होता है तो थोड़ी दिक्कत भी होती है पर वो किसी न किसी तरह...फाइनली अपने डलहौजी वाले घर के सामने पहुंच ही जाता है ,



ऋषभ फिर सबको आवाज लगाता है ....विहान को पहले से ही एक्सिटमेंट होती है तो वो  अपनी सीट से उठने की कोशिश करता है बिना किसी की मदद से और तभी .... उसका   बैलेंस बिगड़ता है और वो धड़ाम से  वही गिर जाता है .....उसके गिरने की आवाज  सुनकर  सब उठ जाते है और उसे टांग कर बस से बाहर आ जाते है....अवनी अभी भी सो ही रही होती है तो ऋषभ उसके गालों पर हाथ लगाकर कहता है ,
ऋषभ - अवनी ...
( अवनी कुछ भी रिस्पॉन्स नहीं देती है....ऋषभ फिर से उसे हिलाता है तो वो हड़बड़ा के उठकर कहती है)

अवनी - ( हड़बड़ा कर) नहीं मुझे मत मारना.....
ऋषभ -( घबरा के  उसका हाथ पकड़ कर ) अवनी आप ठीक तो है..

( अवनी अपनी पूरी आंखे खोलती है और देखती है की उसका हाथ ऋषभ ने पकड़ रखा है तो वो फटाक से अपना हाथ पीछे खींच लेती है और कहती है)

अवनी - हां.... हां मै ठीक हूं..

( फिर वो बस से उतर जाती है ....बाहर आनंद और आदि ने विहान को पकड़ रखा होता है....सबका चेहरा इतने लंबे सफर के बाद थका सा हो गया होता है .....सब एक दूसरे को देख रहे होते है की तभी घर में से 2-3 नौकर निकल कर आते हैं और ऋषभ जो बस से उतर गया होता है उसे देखकर कहते हैं,)
नौकर - स्वागत है आपका सर ...आप लोग कई सालो बाद आए हैं...
आनंद - क्या करे ..(खुशी को देखकर ) .हमारी शादी भी तो सालो बाद हुई है 😜वरना मै तो रोज आऊ...
खुशी -( दूसरी तरफ मुंह करके) इनकी पटर पटर इधर भी चालू हो गई...( आनंद को घूरते हुए ) आप घर में चलिए बताती हु ...
आनंद - तो चलिए ..
( वो जाने ही लगता है की विहान थोड़ा लचक जाता है...आनंद उसे हड़बड़ा कर फिर से पकड़ लेता है और कहता है).
आनंद - खुशी जी ...बाद में बताता हु ..अभी इस टूटी फूटी  मशीन को लेकर चलते हैं....
( संजना उसके पीठ पर मुक्का मारती है तो वो उसे घूरने लगता है... इस बीच आदि  और रिया बाहों में बाह डालकर घर के अंदर घुस जाते है तो देव कहता है)
देव - सीखो कुछ इनसे ..... ..

( फिर देव गुटुर गु - गुटुर गु करते हुए...नील के साथ अंदर जाने लगता हैं तो पीछे से संजना उसे एक टांग मारकर घर में घुस जाती है....)
देव - इसे तो मै पक्का छत से नीचे फेकूंगा ...🙄
(  नौकर भी समान उतारने लगते है ...सब लोग धीरे धीरे घर में घुस रहे होते है की अवनी कहती है)
अवनी - मुझे 2-3 घंटे तक कोई डिस्टर्ब नहीं करेगा ..( उबाशी लेते हुए) मैं चली सोने ...

( फिर वो अपना सारा सामान ..छोड़कर घर के अंदर चली जाती है तो ऋषभ जिसने ..अवनी का सैंडल के साथ - साथ पर्स भी पकड़ा होता है उसे देखकर आनंद दूर से ही कहता है )
आनंद - ओय कुली हमारा भी समान उठा लाना पूरे 2000 दूंगा ( हंसते हुए ) 😂...

( नौकर भी सर नीचे करके हंसने लगते है तो ऋषभ उन्हे अपनी एक नजरो से देखता है और वो चुप चाप सामान लेकर घर में घुस जाते हैं..... ऋषभ ..अवनी का पूरा समान हाथो में लिए हुए कहता है ,)

ऋषभ - अब बताता हु आपको कुंभकरण की अम्मा ......
( फिर वो भी घर में घुस जाता है)


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कैसा लगा आज का भाग 🤗🤗......आपको क्या लगता है इन सब चीजों के पीछे कौन हैं....
वैसे आप लोग दिमाग के घोड़े थोड़े दौड़ाये 😆मै तबतक थोड़ा पढ़ लेती हू ...



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9 Comments

Ashant.

26-Apr-2022 09:53 PM

Very nicely written

Reply

The traveller

24-Apr-2022 11:22 PM

Okay ma'am

Reply

Shivani Sharma

24-Apr-2022 10:50 PM

Bahut khoob

Reply